खुद से लडिये और आगे बढिये (भाग-2 ) पिछले ब्लाग में आप ने 'खुद से लडिये और आगे बढिये ''का कुछ भाव तो जरूर समझा होगा,अब उसी विषय में आगे चलते हैं ,हम सब ने यह महशुस किया है की जीवन के इस आपा-धापी में हमें काम ,क्रोध,लोभ, मोह, और अहंकार के कारण तमाम बात-विवाद का सामना करना पड़ता है,जो स्वाभाविक लगता है परन्तु सच में यह अस्वभाविक घटनाएं हैं। अब हम विचार करें तो पाएंगे कि बिना काम ,क्रोध,लोभ, मोह, और अहंकार के जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकता ,क्यों कि अगर काम (वासना )जीवन में न हो तो हमें विवाह से क्या प्रयोजन ,इसी प्रकार यदि पत्नी और बच्चे न हो तो मोह किसका और लोभ ना हो ,मतलब हमें किसी भी चीज़ की जरुरत ही नही ,तो फिर काहें का जीवन ,इस तरह तो जीवन का कोई अर्थ ही नहीं। इसका मतलब बिना काम ,क्रोध,लोभ, मोह, और अहंकार के बिना सामान्य मानव जीवन असंभव है। अब कोई यह कहता है कि क्रोध नही करना चाहिए तो यह असंभव है मगर हाँ क्रोध को नियंत्रण में होना आवश्यक है ,इसी प्रकार हमें अपने जीवन में अपने मूल अवगुणों (काम ,क्रोध,लोभ, मोह, और अहंकार) को नियंत्रित रखने के लिए खुद से लड़ना चाहिए। अंततः बिना खुद को नियत्रित किए अर्थात बिना खुद पर अनुशासन के आप किसी और पर शासन के काबिल नही हो सकते। ........ क्रमशः आपका मृत्युंजय मो. न. 9936351423
पर्यावरण - 1 मित्रों, आप सभी को आज-कल पर्यावरण के प्रदुषित होने की खबर यदा-कदा मिल ही जाती होगी। प्रदूषण की समस्या आज के समय में इस धरती वासियों की सबसे बड़ी सार्वजनिक समस्याओं में से एक है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वायु प्रदूषण का अंदाजा इस वैज्ञानिक मापदंडों के आधार पर किया जा सकता है कि धूल के कणों और धुए की मात्रा नापने वाला यंत्र ,हवा में इनकी उपस्थिति खतरनाक स्तर पर दर्ज कर रहे है। यह धूल के कणों और धुआँ किसी प्राकृतिक कारणों से नहीं बल्कि हम विकसित कहे जाने वाले मानव के कर्मों का परिणाम है। प्रदूषण का प्रमुख कारण 1.अंधाधुन गति देने वाले वाहनों से निकलने वाला धुआँ। 2. कूडे ,पत्ते और पराली इत्यादि को निस्तारण हेतु आग लगाने से निकलने वाला धुआँ। 3. प्लास्टिक का अनियंत्रित उपयोग। 4. बेतरतिब सड़कों और भवनों का निर्...
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